आम आदमी से लेकर खजाने तक का ख्याल, निर्मला सीतारमण ने ऐसे लुटाया जनता पर प्यार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 का पहला बजट पेश कर दिया है. इस बार के बजट में कई खास बातें देखने को मिली. एक तरफ सरकार ने बजट में मिडिल क्लास, युवा, किसान, छोटे उद्योग और महिलाओं को कुछ ना कुछ देने की कोशिश की है, तो दूसरी तरफ अपने सहयोगी दलों को साधने का राजनीतिक कौशल भी दिखाया है

जुलाई 24, 2024 - 00:11
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आम आदमी से लेकर खजाने तक का ख्याल, निर्मला सीतारमण ने ऐसे लुटाया जनता पर प्यार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार 7वीं बार देश का बजट पेश करके एक नया रिकॉर्ड बनाया. वहीं मोदी 3.0 का ये पहला बजट भी रहा. ये बजट कई मायनों में ऐतिहासिक कहा जाएगा क्योंकि इस बजट में जहां सरकार ने रोजगार निर्माण के लिए कौशल विकास पर जोर दिया है. तो वहीं एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को साधने का राजनीतिक कौशल भी दिखाया है. सरकार ने बजट की 9 प्राथमिकताएं तय की हैं. राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाए रखने के साथ मिडिल क्लास, युवा, किसान, छोटे उद्योगों, मजदूरों और महिलाओं सभी को कुछ ना कुछ देकर जनता पर भरपूर प्यार भी लुटाया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनके करीबी लोग अक्सर ‘निर्मला ताई’ कहकर भी संबोधित करते हैं. ‘ताई’ यानी ‘बड़ी बहन’ की तरह ही वित्त मंत्री ने इस बार बजट में हर किसी का ख्याल भी रखा है, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स से लेकर राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को लेकर सख्ती भी दिखाई है. चलिए एक नजर में समझते हैं कि क्या है इस बजट में…

सबसे पहले बात मिडिल क्लास की

मिडिल क्लास, देश में इनकम टैक्स से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला तबका है. इस तबके का खास ख्याल रखते हुए निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया. इस टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपए तक की इनकम पर पहले से ही टैक्स रिबेट मिलती थी और 50,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ इफेक्टिव टैक्स-फ्री इनकम 7.5 लाख रुपए हो जाती थी, जो अब 7.75 लाख रुपए होगी.

इतना ही नहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम की टैक्स स्लैब्स को भी सिंपलीफाई किया. इसकी स्लैब्स में बदलाव की टेबल नीचे दी गई है. हालांकि ओल्ड रिजीम टैक्स को सरकार ने छुआ भी नहीं है, जो कहीं ना कहीं इस बात का संकेत है कि सरकार बचे हुए 30 प्रतिशत टैक्सपेयर्स को भी नई रिजीम में शिफ्ट करना चाहती है.

इतना ही नहीं सरकार ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स को बढ़ाया है, जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की व्यवस्था को सिंपल बनाते हुए इस पर टैक्स की दर को 12.5 प्रतिशत के फ्लैट रेट पर डाला है. इससे सरकार ने संकेत दिया है कि लोगों को लॉन्ग टर्म में सेविंग के लिए म्यूचुअल फंड जैसे इक्विटी लिंक्ड स्कीम्स पर ध्यान देना चाहिए.

महिलाओं के हिस्से में आई ये सौगात

महिला उन्मुख समाज और ग्रोथ को भी बजट में रेखांकित किया गया है. इसलिए बजट में महिलाओं के लिए कुछ खास ऐलान किए गए हैं. वर्क फोर्स में महिलाओं की सख्या बढ़ाने के लिए सरकार औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्थापना करेगी. महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों के उद्यमों तैयार होने वाले प्रोडक्ट्स की बाजार तक पहुंच बढ़ाएगी.

युवाओं और रोजगार का ख्याल

लंबे समय से मोदी सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे से जूझना पड़ रहा है. लोकसभा चुनाव के परिणामों में इसकी तपिश भी महसूस की गई. इसलिए निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में युवा और रोजगार दोनों पर विशेष ध्यान दिया है. इसके लिए सरकार ने 3 नई स्कीम लॉन्च की हैं. वहीं कौशल विकास यानी स्किल डेवलपमेंट पर भी फोकस किया है.

बजट प्रस्तावों के मुताबिक पहली नौकरी करने वाले युवाओं को सरकार एक महीने की सैलरी 3 किस्तों में देगी. इसकी मैक्सिमम लिमिट 15,000 रुपए है, यानी ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर होने वाले युवा को सरकार की तरफ से 5,000-5,000 रुपए की 3 किस्तों में आर्थिक सहायता दी जाएगी.

इतना ही नहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार सृजन होता है. इसलिए सरकार इस सेक्टर में रोजगार पाने वाले नए कर्मचारियों और उनके एम्प्लॉयर्स दोनों को सीधे लाभ देगी. ये लाभ उन्हें ईपीएफओ में योगदान के मुताबिक शुरुआती 4 साल के लिए दिया जाएगा.

वहीं देशभर में नौकरियां बढ़ें, इसके लिए सरकार एम्प्लॉयर्स को 2 साल तक हर महीने 3,000 रुपए की मदद मुहैया कराएगी. ये मदद नए कर्मचारी के ईपीएफओ में एम्प्लॉयर्स की ओर से किए जाने वाले योगदान के तौर पर होगी.

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