साँची स्तूप
सांची स्तूप...
रायसेन जिला, मध्य प्रदेश
unesco world heritage
सांची स्तूप का निर्माण ३०० ईसा पूर्व मौर्य साम्राज्य के समय अशोक के द्वारा शुरू किया गया. मतलब ये स्तूप २३०० साल पुराना है। वही अशोक जिसे आप अशोक महान के नाम से जानते है, तथा इतिहास जिसे चंड अशोक, धम्म अशोक, देवनाम पिया अशोक के रूप में जानता है। इस स्तूप में बुद्ध के अवशेष सुरक्षित रखे गए हैं। इस स्तूप का निर्माण अशोक के देख रेख में विदिशा के एक धनाढ्य व्यापारी के अनुदान से शुरू हुआ। दान देने का आलेख यह ब्राह्मी भाषा में अंकित है। जेम्स प्रिंशिप को यही से ब्राम्ही कि लिपि को पढ़ने सहायता मिली थी। अशोक ने इस व्यापारी की पुत्री देवी से विवाह भी यहीं सांची में किया एवम उससे उत्तपन्न पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा। उस समय अशोक संभवत ः उज्जयिनी का गवर्नर था जो अपने पिता महाराज बिंदुसार के द्वारा प्रद्दात किया गया था । आगे चल कर इस स्तूप में सुंग एवम सातवाहन साम्राज्य के द्वारा भी निर्माण कार्य कराया गया। इस स्तूप का चित्र भारत के २०० रुपए के मूल्य पर भी अंकित है। इसके चारो द्वारों पर बुद्ध, जातक कथाओं और अशोक के जुड़ी कहानियां उत्तकीर्ण हैं।
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