शेर
हुआ भोले-पन पे जो बिस्मिल वो तो अपना आप है क़ातिल
ये समझ का फेर है ऐ दिल सितम-ओ-जफ़ा वो क्या जाने
आरज़ू लखनवी
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हुआ भोले-पन पे जो बिस्मिल वो तो अपना आप है क़ातिल
ये समझ का फेर है ऐ दिल सितम-ओ-जफ़ा वो क्या जाने
आरज़ू लखनवी