विश्व धरोहर
डीपाडीह,
जहां की पुरा सम्पदा में छतीसगढ़ के इतिहास और वैभव की गाथा निहित है। भग्न मन्दिर का द्वार, शिवलिंग और नन्दी इस चित्र में दृष्टिगोचर हो रहे हैं। (पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर डीपाडीह का सांस्कृतिक वैभव 7-8वीं से 12-13 वीं सदी ईसवी का माना जाता है I अम्बिकापुर से कुसमी रोड पर मात्र 72 km दूर पर्वतश्रेणीयों के बीच साल व आम्र वृक्षों से आच्छादित डीपाडीह, प्रकृति के साथ संस्कृति का अनोखा संगम है !
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