काशी में 12 करोड़ की लागत से बनेगा 'छठी मैया' घाट
12 करोड़ की लागत से 110 मीटर लम्बे पक्के घाट का निर्माण सामनेघाट में होगा. इसके बाद यहां लोग घूमने फिरने के साथ गंगा स्नान भी कर पाएंगे. इसके अलावा छठ पूजा के दौरान भक्तों को परेशानी भी नहीं होगी.
बाबा विश्वनाथ के नगरी काशी (Kashi) को घाटों का शहर भी कहा जाता है. पूरी दुनिया से घाटों की इसी अद्भुत नजारे को देखने के लिए पर्यटक यहां आते हैं. इसी काशी में अब नमो घाट के बाद एक और घाट बनाया जाएगा. गंगा तट पर बनने वाले इस घाट का नाम छठी मैया घाट हो सकता है. बताते चले कि 12 करोड़ रुपये की लागत से 110 मीटर लंबा घाट घाट बनाया जाएगा. स्थानीय विधायक सौरभ श्रीवास्तव के प्रस्ताव के बाद यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इसको हरी झंडी दे दी है.
सामनेघाट इलाके में जज हॉउस के पास बनने वाले इस नए घाट का नाम छठी मैया घाट हो इसके पीछे भी बड़ी वजह है. शहर का ये इलाका मिनी बिहार के रूप में जाना जाता है. बिहार के अलग अलग जिलों से लोग यहां बसते हैं. इसके अलावा छठ पूजा के महापर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पूजन करते हैं. यही वजह है कि बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव इस घाट का नाम छठी मैया या छठ घाट रखने की सिफारिश भी प्रदेश सरकार से कर रहें हैं.
विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि 12 करोड़ की लागत से 110 मीटर लम्बे पक्के घाट का निर्माण सामनेघाट में होगा. इसके बाद यहां लोग घूमने फिरने के साथ गंगा स्नान भी कर पाएंगे. इसके अलावा छठ पूजा के दौरान भक्तों को परेशानी भी नहीं होगी.
वहीं दूसरे तरफ इस घाट का नाम छठी मैया रखने के राजनैतिक मायने भी निकाले जा रहें है. सीनियर जर्नलिस्ट एके लारी ने बताया कि वाराणसी से बिहार का सीधा नाता है. ऐसे में यदि बनारस में छठ मैया घाट बनाया जाता है तो उसका फायदा 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ बिहार के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को मिल सकता है. क्योकि छठ का महापर्व बिहार में ही सबसे धूमधाम से मनाया जाता है.
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