तेजी से बढ़ रही पाकिस्तान की जनसंख्या
पाकिस्तान अपनी तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है. स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि मौलवियों का प्रभाव, पितृसत्तात्मक समाज और गर्भ निरोधक तक पहुंच की कमी इसकी मुख्य वजह है.
पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के निवासी 50 वर्षीय सरदार जन मुहम्मद खिलजी को गर्व है कि उनके कई बच्चे हैं. कथित तौर पर जनवरी महीने में उनके 60वें बच्चे का जन्म हुआ. खिलजी ने बताया कि उनकी तीन पत्नियां हैं और इन तीनों पत्नियों से उनके इतने बच्चे हुए हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में और अधिक बात करने से इनकार कर दिया.
अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तान के कबायली इलाके उत्तरी वजीरिस्तान के रहने वाले मस्तान खान वजीर ने बताया कि उनके कुल 22 बच्चे हुए, जिनमें से कुछ की मौत हो चुकी है. 70 वर्षीय वजीर ने कहा कि वे खुद को अभी भी जवान मानते हैं और चौथी शादी करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि उनकी सभी पत्नियां एक ही कबीले से हैं. उनमें से एक उनके छोटे भाई की विधवा है. उनके भाई भारतीय सैनिकों से लड़ते हुए भारत प्रशासित कश्मीर में मारे गए थे.
वह कहते हैं, "मैं और बच्चे पैदा करना चाहता हूं, ताकि वे काफिरों और दुश्मनों से लड़ सकें. मुझे गर्व है कि मेरे एक दर्जन से अधिक बच्चे हैं.” वजीर ने कहा कि वह अपनी तीनों पत्नियों को अलग-अलग रखते हैं. एक उत्तरी वजीरिस्तान में है, दूसरी डेरा इस्माइल खान में है और तीसरी पत्नी रावलपिंडी में है. अगर मैं उन्हें साथ रखूंगा, तो वे आपस में झगड़ा करेंगी.
वजीर ने कहा कि इतने बच्चे होने के बावजूद परिवार नियोजन से जुड़ी टीम कभी उनके इलाके में नहीं आयी. उन्होंने कहा, "अगर वे आए भी होते, तो कोई उनकी बात नहीं सुनता. वे हमें और बच्चे पैदा करने से नहीं रोक सकते. ये बच्चे अल्लाह की नेमत हैं.”
पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है. विश्व बैंक के अनुसार, 2021 में इसकी आबादी लगभग 23.14 करोड़ तक पहुंच गई. 2022 में, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने गणना की कि पाकिस्तान की प्रजनन दर प्रति महिला लगभग 3.3 बच्चे हैं.
पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजनीतिज्ञ और पूर्व विधायक यास्मीन लहरी का मानना है कि पाकिस्तान के लोग ज्यादा से ज्यादा लड़के पैदा करना चाहते हैं. इस वजह से वे कई बच्चे पैदा करते हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि कबायली समाज में लड़कों का होना रुतबे और ताकत का प्रतीक होता है. जिन परिवारों में ज्यादा बच्चे होते हैं उनके पास ज्यादा ताकत और प्रभाव होता है.
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