'गुस्से में आरोप लगाया', बृजभूषण के खिलाफ बयान से पलटी नाबालिग पहलवान
भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के लिए राहत भरी खबर है। उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपने बयान से यू-टर्न लिया है। हालांकि अभी तक उसकी ओर से केस वापस नहीं लिया गया। हिंदी न्यूज चैनल News18 से बात करते हुए नाबालिग के पिता ने कहा कि WFI द्वारा मेरी बेटी के साथ भेदभाव किए जाने के बाद हमने गुस्से की स्थिति में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। बृजभूषण ने मेरी बेटी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया। हमने 5 जून को मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत अपना बयान बदल दिया। उन्होंने आगे कहा कि मैं इस लड़ाई में अकेला था क्योंकि उस समय पहलवानों की बिरादरी के अलावा किसी ने मेरी मदद नहीं की थी। मामला सामने आने के बाद से मेरा परिवार सदमे में जी रहा है। 5 जून को हमने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि WFI प्रमुख द्वारा कोई यौन उत्पीड़न नहीं किया गया था। हालांकि वो भेदभाव के आरोप पर कायम हैं।
लड़की के पिता के मुताबिक उन्होंने बिना किसी लालच या डर के अपना बयान बदला है। वहीं कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उनकी बेटी नाबालिग नहीं है, इस पर उन्होंने कहा कि ये बात गलत है। उनकी बेटी अभी 17 साल की है।
वहीं दूसरी ओर बुधवार को पहलवानों ने खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। जिस पर उन्होंने 15 जून तक अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। सरकार की ओर से उन्हें इस महीने के अंत तक WFI के चुनाव करवाए जाने का आश्वासन मिला है।
चाचा ने पहलवानों पर लगाए थे गंभीर आरोप अभी कुछ दिनों पहले नाबालिग के चाचा मीडिया के सामने आए थे, उन्होंने पहलवानों पर ही आरोप लगा दिए। उनके मुताबिक कुछ पहलवानों ने निजी स्वार्थ के लिए उनकी भतीजी और भाई का इस्तेमाल किया। उन्होंने ये भी दावा कर दिया था कि उनकी भतीजी बालिग है।
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