बीजेपी के नेता बार-बार काठमांडू क्यों जाते हैं?
भारतीय जनता पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख विजय चौथाईवाले हाल ही में नेपाल के सुदूर पश्चिमी हिस्से में एक सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे और काठमांडू में उच्च स्तरीय बैठकें करने के बाद दिल्ली लौट गए.
भारतीय जनता पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख विजय चौथाईवाले हाल ही में नेपाल के सुदूर पश्चिमी हिस्से में एक सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे और काठमांडू में उच्च स्तरीय बैठकें करने के बाद दिल्ली लौट गए.
वो काठमांडू में मानसखंड सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री समेत सत्तारूढ़ और प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनकी मुलाक़ात हुई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि सभी नेपाली नेताओं ने मजबूत नेपाल-भारत संबंधों और पार्टी स्तर पर और अधिक संपर्क पर जोर दिया.
विजय ने ट्वीट किया कि उन्होंने चुनाव के बाद सत्ता संभालने पर प्रधानमंत्री बनने के लिए प्रचंड को बधाई दी. मुख्य विपक्षी नेता केपी ओली से मुलाकात के बारे में उन्होंने लिखा, 'उन्होंने मुझे नेपाल की राजनीति और कई अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में दिलचस्प बातें बताईं.'
बीजेपी नेता ने पूर्व प्रधानमंत्रियों, शेर बहादुर देउबा और माधव कुमार नेपाल के साथ-साथ उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मुलाकात की. हालाँकि वो राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मिलना चाहते थे लेकिन पौडेल के अचानक बीमार पड़ने से ये कार्यक्रम स्थगित हो गया. प्रधानमंत्री प्रचंड अगले महीने के अंत तक भारत आने की तैयारी कर रहे हैं. भारतीय सत्ताधारी दल के विदेश विभाग के प्रमुख जब नेपाल पहुंचे तो ऐसी तैयारी चल रही थी.
इससे पहले नेपाल भारत की संयुक्त बैठक में भाग लेने आए भारतीय विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने चुनाव के बाद गठबंधन टूटने के विषय में दिलचस्पी दिखाई. चुनाव के बाद सबसे बड़ा दल नेपाली कांग्रेस विपक्ष में पहुंच गया था. दूसरा बड़ा दल यूएमएल के समर्थन से प्रचंड प्रधानमंत्री बन गए.
क्वात्रा के लौटने के बाद नेपाल में नए समीकरण भी भंग हो गए. अब कांग्रेस-माओवादी समीकरण सत्ता में हैं और कई विश्लेषक मानते हैं कि दिल्ली के लिए यह समीकरण अच्छा है.
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