अपने पालतू कुत्ते की मौत पर भड़के हाईकोर्ट के जज
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गौरांग कंठ (अब कलकत्ता हाई कोर्ट में ट्रांसफर) ने दिल्ली के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिस अधिकारियों की वजह से उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गई, इसलिए उन पर एक्शन लिया जाए.
दिल्ली हाईकोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट ट्रांसफर किए गए जस्टिस गौरांग कंठ ने दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (सिक्योरिटी) को पत्र लिखा है.जस्टिस कंठ का आरोप है कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही की वजह से उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गई, इसलिए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए.
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस गौरांग कंठ ने उन पुलिसकर्मियों पर पुलिस कार्रवाई करने की मांग की है जो आपात स्थिति में उनके बंगले का दरवाजा खोलने में विफल रहे. जस्टिस कंठ का आरोप है कि पुलिसकर्मियों की इस अक्षमता की वजह से उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गयी. अब जस्टिस कंठ ने दिल्ली जेसीपी को पत्र लिखकर अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने की मांग की है.
जस्टिस कंठ ने अपने पत्र में लिखा, 'मैं इस पत्र को बहुत दुखी और क्रोधित मन से लिख रहा हूं. मेरे बंगले की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों की अयोग्यता की वजह से मेरे पालतू कुत्ते की मौत हो गई. मैं बंगले पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों को लगातार बताता रहा कि दरवाजे को लॉक रखें, लेकिन वो मेरे दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते रहे और अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे. ड्यूटी को लेकर इस तरह की अयोग्यता और अनदेखी पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. इस तरह तो मेरे जीवन को भी खतरा हो सकता है... सुरक्षाकर्मियों की इस तरह की लापरवाही से मेरे घर पर कोई और इंसीडेंट हो सकता है, मैं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं.... मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करें...'
जस्टिस कंठ ने संयुक्त पुलिस कमिश्नर से इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट तीन कार्य दिवसों के भीतर देने के कहा है. जस्टिस कंठ का यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड ने देश के सभी जजों को कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली सुविधा आपका विशेषाधिकार नहीं है. सीजेआई ने कहा है कि सुविधाओं का ऐसा इस्तेमाल करें कि दूसरों को तकलीफ न उठानी पड़े.
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