मायावती की BSP ज्वाइन कर रहे इस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष

मायावती की BSP ज्वाइन कर रहे इस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष

फ़रवरी 28, 2023 - 10:53
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मायावती की BSP ज्वाइन कर रहे इस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष

प्रदेश में चुनावी वर्ष के बीच एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिलेगा। समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश यादव अपनी पार्टी छोड़कर बहुजन समाज पार्टी का दामन थामेंगे। इस दौरान यादव के कई अन्य समर्थक भी बसपा ज्वाइन करेंगे।

बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बताया कि समाजवादी नेता मुकेश यादव ने बसपा की रीति-नीति पर भरोसा जताया है। वे 5 मार्च को अलवर के बानसूर में आयोजित एक जनसभा में बसपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान बसपा पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर व राज्यसभा सांसद राम जी गौतम भी मौजूद रहेंगे।

यादव का बानसूर से टिकट फाइनल!

समाजवादी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मुकेश यादव का 'साइकिल' की सवारी छोड़कर 'हाथी' की सवारी करने के फैसले ने सभी को चौंका दिया है। माना जा रहा है कि इस चुनावी वर्ष में मुकेश यादव का 'दल-बदल' करना उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा ज़ाहिर कर रहा है। उनकी सदस्यता ग्रहण करने की जनसभा जयपुर में नहीं करके बानसूर में किए जाने से ये भी लगभग साफ़ हो गया है कि बसपा उन्हें इसी विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार सकती है।

पार्टी में असहज महसूस कर रहा था: यादव
बसपा ज्वाइन करने जा रहे मुकेश यादव ने कहा , ''पिछले 27 वर्ष से लगातार समाजवादी पार्टी में निस्वार्थ भाव से काम किया। पार्टी का सच्चा सिपाही होने के नाते मुझे पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पद का दायित्व दिया, उसके लिए मैं समाजवादी पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। अब पार्टी में असहज महसूस करते हुए और भविष्य को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्यागने और प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।'

बानसूर सीट जीत चुकी है बसपा

बहुजन समाज पार्टी पूर्व के विधानसभा चुनाव में अलवर की बानसूर विधानसभा सीट जीत चुकी है। वर्ष 1998 के चुनाव में बसपा जगत सिंह दायमा ने कांग्रेस-भाजपा प्रतिद्वंदियों को शिकस्त देते हुए इस सीट पर कब्ज़ा जमाया था। बसपा को राजस्थान में पहली सफलता ही 1998 में मिली थी, जब बानसूर के साथ भरतपुर जिले की नगर सीट से माहिर आजाद जीता था। वैसे बसपा ने 1990 में पहली बार राजस्थान में चुनाव लड़ा था, लेकिन किसी भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी।

यूपी के साथ राजस्थान में भी संघर्ष

बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी, दोनों ही राजनीतिक दल राजस्थान से सटे उत्तर प्रदेश में खासा दबदबा रखते हैं। इन दोनों दलों ने राजस्थान में भी पैर पसारने की भरपूर कोशिश की, लेकिन मजबूत पकड़ नहीं बना सके। बसपा ने भले ही पूर्व के चुनावों में कुछ सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन हर बार उसके चुने हुए विधायकों ने 'दल-बदल' करते हुए विरोधी दलों का दामन थाम लिया। फिलहाल दोनों ही दल उत्तर प्रदेश में भी सत्ता में लौटने का संघर्ष कर रहे हैं।

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