फ्रांस में लगेगी इमरजेंसी! तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस द्वारा एक किशोर को गोली मारे जाने की घटना के बाद यहां लगातार तीसरे दिन लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया
फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस द्वारा एक किशोर को गोली मारे जाने की घटना के बाद यहां लगातार तीसरे दिन लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक लगाकर सड़कों को अवरूद्ध कर दिया, आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर पटाखे फेंके। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की। इस सिलसिले में 800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प की घटनाओं में 200 पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
गौरतलब है कि मंगलवार को यातायात जांच के दौरान 17 वर्षीय नाहेल की हत्या का वीडियो भी सामने आया है। इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है और लोग काफी आक्रोशित हैं। इस घटना के बाद फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं हुईं तथा विरोध प्रदर्शन तीसरी रात भी जारी रहा। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने उपनगर क्लिची-सूस-बोइस के सिटी हॉल में आग लगा दी और ऑबर्विलियर्स में एक बस डिपो को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि पेरिस के कई इलाकों में लोगों के समूहों ने सुरक्षा बलों पर पटाखे फेंके।
क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि शहर के 12वें प्रांत के पुलिस थाने पर हमला किया गया, जबकि रिवोली स्ट्रीट, लौवर संग्रहालय के निकट और मध्य पेरिस के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल ‘फोरम डेस हॉलेस' में कुछ दुकानें लूट ली गईं। उन्होंने बताया कि कि भूमध्यसागरीय बंदरगाह शहर मार्सिले में, पुलिस ने शहर के मध्य में हिंसक समूहों को तितर-बितर करने की कोशिश की।
पेरिस पुलिस मुख्यालय के अनुसार विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने लिए लगभग 40,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में 875 लोगों को हिरासत में लिया है। राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, लगभग 200 पुलिस अधिकारी घायल हुए। इस बीच गृह मंत्री गेराल्ड डारमनिन ने शुक्रवार को हिंसा की घटनाओं की निंदा की।
प्रधान मंत्री ने शुक्रवार को पेरिस के दक्षिण में एवरी-कौरकोरोन्स में एक पुलिस स्टेशन का दौरा किया। उधर, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। अगर इमरजेंसी का ऐलान होता है तो अधिकारियों को कर्फ्यू घोषित करने, प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने और पुलिस को संदिग्ध दंगाइयों को रोकने और घरों की तलाशी लेने में अधिक स्वतंत्रता मिल जाएगी।
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