विनेश फोगाट को नहीं मिलेगा सिल्वर मेडल, CAS ने अपील की खारिज

पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद भारतीय फैन्स को एक तगड़ा झटका लगा है. स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने सिल्वर मेडल के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स में अपील की थी. इसकी सुनवाई पहले ही हो चुकी है, लेकिन फैसला सुनाने की तारीख लगातार टलती जा रही थी. मगर अब इस मामले में बुधवार (14 अगस्त) को फैसला आया आया है. CAS ने विनेश की अपील खारिज कर दी है.

अगस्त 15, 2024 - 00:28
 0  23
विनेश फोगाट को नहीं मिलेगा सिल्वर मेडल, CAS ने अपील की खारिज

पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीतने का विनेश फोगाट का ख्वाब पूरी तरह टूट गया. महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से डिस्क्वालिफाई किए जाने पर विनेश ने खेलों की सबसे बड़ी अदालत, कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS), में अपील की थी, जिस पर शुक्रवार 9 अगस्त को सुनवाई हुई लेकिन कई दिनों के इंतजार के बाद आखिर फैसला आया जो विनेश और भारत के खिलाफ गया. CAS ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) और वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों और फैसलों को बरकरार रखते हुए संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की विनेश की मांग को खारिज कर दिया. CAS ने एक लाइन में अपना फैसला सुनाया और बताया कि विनेश फोगाट की अपील खारिज कर दी गई है. इसके साथ ही विनेश के रेसलिंग करियर का दुखद अंत भी हो गया.

तीन घंटे सुनवाई, 3 बार टला फैसला

ओलंपिक गेम्स के लिए पेरिस में ही बनाए गए CAS एड-हॉक डिविजन ने विनेश की अपील को स्वीकार किया था और शुक्रवार 9 अगस्त को शाम 5.30 बजे (भारतीय समयानुसार) से सुनवाई हुई जो 3 घंटे तक चली. ये सुनवाई CAS की एकमात्र आर्बिट्रेटर डॉ एनाबेल बैनेट के सामने हुई. विनेश की ओर से फ्रेंच लीगल टीम ने केस पेश किया. साथ ही भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की तरफ से देश के जाने-माने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया ने केस पेश किया. तब बताया गया था कि फैसला कभी भी आ सकता है लेकिन फिर ये 10 अगस्त तक टल गया था. इसके बाद 10 अगस्त को दोबारा इस फैसले को टाल दिया गया और कुछ दस्तावेजों की मांग का हवाला देते हुए 13 अगस्त को फैसले देने की बात कही गई थी. फिर 13 अगस्त को तीसरी बार ये फैसला 16 अगस्त के लिए टाल दिया गया था. अब अचानक 14 अगस्त को ही एक लाइन का फैसला सुना दिया गया है, लेकिन इसका विस्तृत फैसला कुछ दिनों में आएगा.

क्या था मामला?

विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि गुरुवार 7 अगस्त को होने वाले फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वेट तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW), के नियमों के मुताबिक कोई भी रेसलर अपने वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है और मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी उसे वो पदक नहीं मिलता.

विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ और 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके चलते विनेश को फाइनल में पहुंचने पर कम से कम जो सिल्वर मेडल मिलना था, वो भी उनसे छिन गया और उन्हें सभी पहलवानों में आखिरी स्थान पर रखा गया. इसके बाद विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की, जिसमें सबसे पहले तो फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की गई थी. CAS ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था और कहा था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश की ओर से अपील में बदलाव किया गया था और संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी.

विनेश ने लिया संन्यास

इस अपील के बाद अगले ही दिन 29 साल की विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था और कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. वहीं इस स्थिति में मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा, दुख और गुस्से का माहौल बन गया था. यहां तक कि संसद में भी ये मामला उठा था और विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले की पूरी जानकारी मांगकर, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा के जरिए हर संभव मदद करने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया.

कैसा रहा विनेश का प्रदर्शन?

विनेश ने इस बार ओलंपिक में 50 किलोग्राम कैटेगरी में हिस्सा लिया था, जो उनकी स्वाभाविक कैटेगरी नहीं थी. वो इससे पहले 53 किलो में हिस्सा लेती थीं लेकिन इस बार चूक गई थीं. ऐसे में उन्होंने वेट कैटेगरी बदलने का फैसला किया, जो उनके लिए मुश्किल होने वाला था. इसके बावजूद विनेश ने 6 अगस्त को धमाकेदार शुरुआत करते हुए पहले ही मैच में वर्ल्ड नंबर-1 जापान की युई सुसाकी को 3-2 से हराते हुए सबको चौंका दिया. युई सुसाकी के इंटरनेशनल करियर की 83 मैचों में ये पहली हार थी. इसके बाद विनेश ने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में जगह बनाई थीं और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला रेसलर बनीं थीं. साथ ही उनका मेडल भी पक्का हो गया था. हालांकि अगले ही दिन वजन से चूकने के कारण उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया और उनकी जगह फाइनल में गुजमान लोपेज को जगह मिली, जो सेमीफाइनल में विनेश से हारी थीं. लोपेज भी गोल्ड नहीं जीत पाईं और अमेरिका की सारा हिल्डनब्रैंट ने खिताब जीता.

आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow